Shrimad bhagvat geeta (SBG)

Latest Post

🌼 परशुराम जयंती 🌼

॥ ॐ श्री परमात्मने नमः ॥

🚩 परशुराम जयंती 2025 🚩

कौन हैं परशुराम(Who is Parashurama)?

                भगवान विष्णु के छठे अवतार का नाम परशुराम था। उनका जन्म सप्तर्षि राजकुमारी रेणुका (Renuka)और ब्राह्मण ऋषि जमदग्नि (Jamadagni)से हुआ था। ब्राह्मण वंश से आने के बावजूद, उनमें वीरता, आक्रामकता और युद्ध जैसे खत्रियों से जुड़े गुण थे। इस प्रकार, उन्हें “ब्राह्मण-क्षत्रिय” कहा जाता है। 

               परशुराम, जिन्हें अक्सर अमर कहा जाता है, ने तेजी से बढ़ रहे समुद्र को पीछे धकेल दिया, जिसने कोकण और मालाबार क्षेत्रों को तबाह करने का खतरा पैदा कर दिया था। इसे “परशुरामक्षेत्र” कहा जाता है और यह महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच है। इसके अलावा, लोककथाओं में दावा किया गया है कि परशुराम अभी भी उड़ीसा के महेंद्रगिरि पर्वत शिखर पर रहते हैं। 

 ***


🕰️Parashurama Jayanti 2025 Date & Time:📅


परशुराम जयंती – मंगलवार, 29 अप्रैल 2025

अक्षय तृतीया – बुधवार, 30 अप्रैल 2025

तृतीया तिथि प्रारम्भ – 29 अप्रैल 2025 को 17:31 बजे से

तृतीया तिथि समाप्त – 30 अप्रैल 2025 को 14:12 बजे

 ***

💐भगवान परशुराम जयंती(Bhagwan Parshuram Jayanti):💐


                      वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया या हिंदू कैलेंडर में “अक्षय तृतीया” भगवान परशुराम जयंती को समर्पित है। हिंदू इस दिन को बहुत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं।
 
 

***

🍀परशुराम जयंती के बारे में(About Parshuram Jayanti):🍀


                 भगवान विष्णु के छठे अवतार की जयंती इसे हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक बनाती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान परशुराम का जन्म उसी समय के आसपास हुआ था, भगवान परशुराम जयंती उस दिन मनाई जाती है जिस दिन प्रदोष काल के दौरान तृतीया रहती है। ग्रह पर बोझ डालने वाले विनाशकारी और अनैतिक राजाओं को समाप्त करने के लिए, इस अवतार की रचना की गई थी। इसलिए इस भाग्यशाली दिन पर भगवान की पूजा करना लाभकारी रहेगा। क्योंकि यह ऐसे धार्मिक अवसरों पर किया जाने वाला एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है, इसलिए कई भक्त परशुराम जयंती पर पवित्र गंगा नदी में स्नान करते हैं।

***

🌻परशुराम यंती ्या करें(What to do at Parshuram Jayanti)?🌻

  • प्रार्थनाएँ: उपासक भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और प्रार्थना करते हैं
  • उपवास: भगवान परशुराम से साहस, वीरता और शक्ति का आशीर्वाद पाने के लिए कई भक्त उपवास करते हैं; कुछ लोग वैशाख के पूरे महीने का व्रत भी रखते हैं 
  • परशुरा मंत्:  ब्रह्मास्त्रा विद्मह खत्रियंता दीमहि तन्न प्रशुरा प्रचोदयात, नम भगवत परशुरामा नम जा करे
  • उपहार ान:  क्त रूरतमंद ्राह्मणों ान ेते ैं ्योंकि रशुराम िशेष ूप मनकारी ्षत्रियों िलाफ ्राह्मणों क्षा   
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: पूरे भारत में, इस अवसर को मनाने के लिए परशुराम के जीवन को चित्रित करने वाले नृत्य और नाटक किए जाते हैं

***

🌻 परशुराम जयंती महत्व(Parshuram Jayanti significance):🌻


                       हिंदू धर्म परशुराम को बहुत महत्व देता है, जिसका शाब्दिक अनुवाद “कुल्हाड़ी वाले राम” है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु का यह अवतार बुराई को खत्म करके ब्रह्मांड का संतुलन बनाए रखता है। हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण छुट्टियों में से एक है परशुराम जयंती, जिसे फिर से शुरू करने और ब्राह्मणों को भोजन कराने के लिए एक अच्छा दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि परशुराम जयंती पर जो लोग अच्छे कार्य करते हैं, जैसे दान देना और देवताओं की पूजा करना, उन्हें ऐसे आशीर्वाद मिलते हैं जो कभी ख़त्म नहीं होते। 

         
                     
 वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया या हिंदू कैलेंडर में “अक्षय तृतीया” भगवान परशुराम जयंती को समर्पित है। हिंदू इस दिन को बहुत उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। 

***

🍀परशुराम के मंदिर(Temples of Parshuram):🍀

 
                     भारत के पश्चिमी क्षेत्र में भगवान परशुराम के कई मंदिर हैंइनमें से एक महाराष्ट्र के चिपलुन में स्थित है, जबकि दूसरा कर्नाटक के शंकरपुरा में हैअरुणाचल प्रदेश में, परशुराम को समर्पित एक कुंड है, जहां लोग हर साल मकर संक्रांति पर पवित्र स्नान करने के लिए आते हैंक्योंकि प्राचीन ग्रंथों में परशुराम का उल्लेख कोंकण क्षेत्र में विद्यमान है, इसलिए इस क्षेत्र को परशुराम क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है 

***

🔹परशुराम जयंती पूजा(Parashurama Jayanti Puja):🔹

  • पूजा समारोह के दौरान, जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। 
  • पूजा के दौरान, भगवान विष्णु की छवि या मूर्ति की पूजा करने के लिए मिठाई, फूल, कुमकुम और चंदन का उपयोग किया जाता है।
  • पवित्र तुलसी के पत्ते उपहार में देना भी शुभ माना जाता है। 
  • ऐसा कहा जाता है कि इस दिन उपवास करने से आपको पुत्र की प्राप्ति होगी और उसके बाद एक अद्भुत इंसान के रूप में पुनर्जन्म होगा। व्रत केवल फल और डेयरी उत्पाद खाकर ही तोड़ना चाहिए। अनाज और दालें जैसे खाद्य पदार्थों से बचें। 

  • पूर्व या उत्तर पूर्व की ओर पीठ करके, वाक्यांश (Shlok\Mantar)को 108 बार दोहराएं। 

***

      🍀 Parshuram Jayanti Gayatri Mantra:🍀


ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात् ॥  

 Om Brahmashtraya Vidmahe Khatriantaya Deemahi  

Tanno Prashuram Prachodayat  

   ***

💐निष्कर्ष(Conclusion)💐

                     अंत में, भगवान परशुराम की जयंती, या परशुराम जयंती 2025, पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। इसे अक्षय तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है। ब्राह्मण समुदाय के कुल गुरुजी भगवान परशुराम की जयंती हिंदू कैलेंडर के वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। इसे “परशुराम द्वादशी” भी कहा जाता है। भगवान परशुराम ऋषि ऋचीक के पोते और जमदग्नि के पुत्र हैं। माना जाता है कि परशुराम जयंती को दिए गए पुण्य का प्रभाव कभी समाप्त नहीं होता है। इस दिन का महत्व, खासकर ब्राह्मणों के लिए, इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ राज्यों में, इस दिन सार्वजनिक अवकाश होता है।

  ***